सवाल इस्तीफे का नहीं है : रमन सिंह
सोमवार, 17 नवंबर 2014
नसबंदी कांड में 13 महिलाओं की मौत ने समूचे देश को हिला कर रख दिया है। बिलासपुर जिले के विभिन्न अस्पतालों में 122 महिलाओं का इलाज चल रहा है। 61 को अपोलो में भर्ती कराया गया है, जबकि 37 को सीआईएमएस और 24 को जिला अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस घटना को लेकर खासी किरिकरी हुई है और लोग सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं।
आरोप है कि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल का बचाव क्यों किया? उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री का बचाव करते हुए कहा था कि नसबंदी डॉक्टर करता है, न कि स्वास्थ्य मंत्री। डॉ. रमन सिंह ने सम्पूर्ण घटनाक्रम की न्यायिक जांच कराने की भी घोषणा की है। मौजूदा हालात में डॉ. रमन सिंह आरोपों से घिरे हुए हैं।
पेश है उनसे हुई बातचीत के अंश।
-नसबंदी कांड की की गूंज समूचे देश में हुई है। नकली दवा कारोबार से जानें जा रही हैं, लेकिन सरकार का दखल कहीं नजर नहीं आता?
-बिलासपुर की घटना निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है। ज्यूडिशियल इन्क्वायरी कराई जा रही है। सवाल इस्तीफे का नहीं है। हमने पहले दिन से ही कठोरतम कार्रवाई की है और सारे मसलों पर नजर है। फिर चाहे मरीजों के इलाज का मसला हो या फिर दवा खरीद का। आगे भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
-छत्तीसगढ़ की कई सेक्टर में साख है, लेकिन इस तरह की घटनाएं साबित करती हैं कि स्वास्थ्य के मोर्चे पर सरकार कमजोर है?
-इस प्रकरण में एसओपी (मानक प्रक्रिया) का उल्लंघन तो हुआ है। ज्यादा जवाबदेही की जरूरत थी। अगर इतने सारे आपरेशन होने थे तो सावधानी जरूरी थी, लेकिन आगे से इस प्रक्रिया का सख्ती से पालन कराएंगे।
-नकली दवा का कारोबार कैसे बंद होगा?
-जहां जरूरी होगा लाइसेंस निरस्त करेंगे और सख्ती से इससे निपटेंगे। जांच में इन घटनाओं के लिए जो भी दोषी पाया जाएगा, चाहे वह औषिध निर्माता हो, औषिध वितरक या डॉक्टर, उसके खिलाफ की कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
-यह सवाल क्यों उठ रहे हैं कि स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल का इस्तीफा न लेने के लिए कारोबार लाबी का आप पर भारी दबाव है? - -
सवाल इस्तीफे का नहीं है। इस मामले में जो भी कदम उठाए जाने थे, उठाए गए और जिनके खिलाफ कार्रवाई जायज थी, वह हुई। अब राजनीति की जानी है तो इस संवेदनशील मुद्दे पर नहीं होनी चाहिए। और भी कई मुद्दे हैं।
-जो बच्चे पीड़ित और प्रभावित हैं, उनके लिए सरकार क्या सोच रही है?
-मृत महिलाओं के सभी बच्चों के वयस्क होने तक उन्हें राज्य सरकार की ओर से गोद लिया जाएगा। मृत महिलाओं के प्रत्येक नाबालिग बच्चे के नाम पर दो लाख रपए की एफडी की जाएगी, जो उस बच्चे और कलक्टर के नाम से संयुक्त रूप से होगी। बच्चे के वयस्क होने पर यह राशि उसे मिल जाएगी। खाते का संचालन वह स्वयं कर सकेगा। 18 वर्ष की उम्र तक प्रत्येक बच्चे और उसके परिवार की इच्छा के अनुसार राज्य सरकार की ओर से निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक बच्चे का हेल्थकार्ड बनेगा। इसके आधार पर उसको बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में 18 वर्ष की उम्र तक निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। www.rashtriyasahara.com
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1 comments:
अच्छी प्रस्तुति. आभार .
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