नक्सलियों ने पूरे साल सबको थर्राया
शनिवार, 2 जनवरी 2010
२००९ छत्तीसगढ़ में पूरे साल हादसों और नक्सली मोर्चे पर भारी नरसंहार और आतंक के फैलाव के काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गया | कोरबा में बालको-वेदांता के निर्माणाधीन बिजलीघर की चिमनी ढह जाने से ५० से ज्यादा लोग मारे गए वहीं राज्य में नक्सलियों के हौसले इस साल इतने क्रूर हुए कि उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी करके राजनांदगाँव के पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे समेत 30 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया |वैसे अब तक राज्य में 250 से ज्यादा लोग नक्सली हादसों में मारे जा चुके हैं|
इस वर्ष राज्य के अंतर्रराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त नाट्य निदेशक हबीब तनवीर के निधन से थिएटर जगत में व्यापक रिक्तता आ गयी| राज्य में नक्सलियों के खिलाफ राज्य पुलिस ने जंगलों में घुसने का हौसला भी इसी साल दिखाने की शुरूआत की लेकिन केंद्र सरकार इस वर्ष सभी राज्यों से नक्सलियों को खदेड़ने की घोषणा करके भी पीछे हटती नजर आई|
हबीब तनवीर का निधन भोपाल में हुआ| उनका जन्म 1 सितम्बर 1923को रायपुर में हुआ था और सच मायनों में समूचा छत्तीसगढ़ उनकी रगों में फड़कता था! यहाँ की लोककला और अंचल की माटी की खुशबू को दुनिया भर में मशहूर करने का पूरा श्री हबीब तनवीर को ही जाता है!
राजनांदगाँव जिले में 12 जुलाई को सुबह पुलिस को सूचना आई थी कि मदनवाडा चौकी पर नक्सलियों ने हमला कर दिया है! इस हमले में दो जवानों के शहीद होने की सूचना पाने के बाद पुलिस पार्टी मौके पर भेजी गयी! इसका नेतृत्व पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे कर रहे थे! यह पार्टी जब जंगली रास्तों से हो कर खोदेगांव और कोरेगांव के मध्य पंहुची तो छ्पे बैठे नक्सलियों ने बारूदी सुरंग बिछा कर विस्फोट कर दिया|नक्सलियों की संख्या पुलिस पार्टी से कई गुना ज्यादा थी! नक्सलियों ने पहले विस्फोट किया और फिर ताबड़तोड़ गोलियाँ बसानी शुरू कर दी जिससे पुलिस पार्टी को सम्हलने का भी मौका नहीं मिल सका| घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली जंगलों में गुम हो गए| नक्सलियों ने यह हमला पहले पुलिस आधार शिविर पर किया और फिर इस हमले की सूचना के आधार पर पुलिस बल जब घटनास्थल पर पंहुचा तो घात लगाए बैठे नक्सलियों ने रास्ते में ही पुलिस पार्टी को निशाना बना लिया! घटना मानपुर मोहला थाना क्षेत्र में हुई! मारे गए सभी 30 जवान छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के थे|
इस घटना के अलावा कांकेर जिले में भी नक्सलियों ने पुलिस पार्टी को निशाना बनाया जबकि नारायणपुर, दंतेवाडा और बीजापुर जिले तो पूरे वर्ष भर नक्सली आतंक से थर्राते रहे | कई राजनेता भी उनका निशाना बने जिसमे सांसद बलिराम कश्यप के बेटे की ह्त्या की गूँज ने लोगों को दहला दिया| इस वर्ष भी सलवा जुडूम के निरीह समर्थक आदिवासी सरकारी शिविरों में कैद रहने के लिए विवश हुए वहीं नक्सली समर्थक होने के संदेह में गिरफ्तार करके जेल में लम्बे समय तक रहने वाले एक्टिविस्ट डा. विनायक सेन को न्यायालय से जमानत के रूप में राहत मिली जिससे उनके समर्थको को चैन मिला और इस मामले में लगातार किरकिरी झेल रही छत्तीसगढ़ पुलिस की राजनीतिक मुश्किलें ज़रा कम हुई लेकिन साल गुजरते- गुजरते बालको कोरबा में चीन की सिपको कंपनी द्वारा बनाई जा रही बिजलीघर की चिमनी ढह जाने से ५० से भी ज्यादा लोग कालकवलित हो गए जिसकी न्यायिक जांच अब तक चल रही है| रायपुर समेत आसपास के औद्योगिक इलाकों में चल रहे कारखानों के कारण किसान इस वर्ष भी फसल पर कालिख जम जाने से त्रस्त रहे वहीं राज्य का पर्यावरण अमला पूरे साल किरकिरी झेलता रहा|
भाजपा ने संसदीय चुनावों में ११ में से १० सीटें जीत कर भाजपा की देश भर में डूबती नैया को बचा लिया मगर वैशाली नगर में उपचुनाव में मिली विजय ने कांग्रेस की लगातार हार की शिथिलता को नए जोश में बदला जिसके कारण स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी ने कई शहरों व कस्बों में जीत का परचम लहराया| राज्य के मुखिया डा. रमन सिंह ने एक रूपये किलो गरीब चावल योजना का डंका देश भर में बजाया और बड़ी पार्टयों के घोषणा पत्र में इस योजना को शामिल करने का श्रेय हासिल किया लेकिन नक्सली मोर्चे के अलावा संगठित अपराधों में लगातार बढ़ोतरी पर सरकार कोई अंकुश नहीं लगा पाई| अपराधियों ने पूरे साल लूट और हत्याओं की ताबड़तोड़ घटनाएं की| बढ़ता प्रदूषण और नक्सली हिंसा से पूरे साल लोग आजिज रहे जिनको 2010 में कुछ ठोस कार्य इस दिशा में किये जाने का केन्द्रीय भरोसा मिलने से उम्मीद जगी है|
2 comments:
कायर है हरामखोर ! अगर इनमे पुरुषत्व का ज़रा भी गुण होता तो किसी हाई सिक्युरिटी जौन में घुसकर किसी राजनीतिग्य से लड़े !
achchhi report. 2010 me naksaliyon ko bas me karane kee koshish honi hi chahiye.
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