संसद हमले की 14वीं बरसी
शनिवार, 19 दिसंबर 2015
जगह वही...
हालात बदले हुए...
जब संसद भवन पर हमला हुआ था मै उस घटना का मूक साक्षी रहा ।
13 दिसंबर 2001 की घटना को नई पीढ़ी के लोग शायद भूल गए हों। भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर इस तारीख को धमाकों और गोलियों से छलनी हुआ था, जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादी सफ़ेद कार में गृह मंत्रालय का स्टीकर लगाकर घुस आए थे मगर संसद की चौखट पर ही उनको नेस्तनाबूद कर दिया गया।
हालात बदले हुए...
जब संसद भवन पर हमला हुआ था मै उस घटना का मूक साक्षी रहा ।
13 दिसंबर 2001 की घटना को नई पीढ़ी के लोग शायद भूल गए हों। भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर इस तारीख को धमाकों और गोलियों से छलनी हुआ था, जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादी सफ़ेद कार में गृह मंत्रालय का स्टीकर लगाकर घुस आए थे मगर संसद की चौखट पर ही उनको नेस्तनाबूद कर दिया गया।
फ़ौरन संसद के सुरक्षा स्टाफ ने मेन बिल्डिंग को चारों तरफ से बंद कर दिया।
13 दिसंबर 2001 की तारीख भी इतिहास में दर्ज हो जाने के लिए आई।
संसद पर हुए आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी मोहम्मद अफज़ल गुरु को 9 फ़रवरी 2013 को सुबह दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया।
अत्याधुनिक हथियारों से लैस फिदायीन हमलावरों के साथ मुठभेड़ में 9 लोगों की मौत हो गई थी।
भारतीय लोकतंत्र को थर्रा देने वाली घटना में कई शहीद हुए जिनको नमन है।
भारतीय लोकतंत्र को थर्रा देने वाली घटना में कई शहीद हुए जिनको नमन है।
(चित्र में वही गेट और फाइल फोटो )
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पूरा वृत्तांत यहां पढ़ें
यहां सुन सकते हैं
(youtube support by journalist Rk Gandhi)
1 comments:
बहुत अच्छा लिखा है आपने
From :
EPIC Hindi
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