भूले -बिसरे "महिपाल भंडारी"
शुक्रवार, 17 जून 2016
आजकल फैंटेसी फ़िल्में बनती ही नहीं और टाकीज पर मॉल्स बन गए हैं। थिएटर जा कर सामूहिक फिल्मदर्शन का सामजिक सुकून टीवी जैसे घरघुस्सू और सेलफोन जैसे घनघोर सेल्फिश बनाने वाले माध्यम ने छीन लिया है।
भूले बिसरे बेजोड़ कलाकार "महिपाल भंडारी" ने लंबा अरसा पौराणिक और तिलस्मी फिल्मो को जिया। राजकपूर दिलीप और देवानंद जैसे दिग्गजों के रहते अपनी अलग पहचान बनाई।
महिपाल का जन्म जोधपुर में 1919 को ओसवाल जैन परिवार में हुआ था। महज़ 6 साल के थे कि उनकी मां गुज़र गयीं। नवरंग 1959, संपूर्ण रामायण 1961, बजरंग बाली 1956 और पारसमणि 1963 , लक्ष्मीनारायण’ 1951 और ‘अलादीन और जादुई चिराग़’ (1952) जैसी अनेक फिल्मे उनके खाते में हैं। 40 साल -130 फिल्मे ... नारद की भूमिका में भी याद किए जाते रहे।
15 मई 2005 को 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।अभिनेता महिपाल ज्यादातर फैंटेसी फिल्मों के लिए प्रसिद्द थे
बहुत ही कम लोग जानते हैं कि लता का पहला गीत प्रख्यात अभिनेता महीपाल ने ही लिखा था। अदालत में ज्यादातर गीत महीपाल ने ही लिखे, महिपाल ने माली, आपकी सेवा में, अदालत (पुरानी), मेरे लाल इत्यादि फिल्मों के गीत भी लिखे थे। फिल्म आपकी सेवा में लता मंगेशकर ने अपने पार्श्व गायन की शुरुआत की थी।महिपाल चन्द भण्डारी ने अपने रिटायरमेंट के बाद कविताएं भी लिखी थी। उनका एक कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था......उनको हार्दिक श्रद्धांजलि।
2 comments:
ve geetkaar bhi the yh aaj jana. Parasmani ke geeto ke karan hi sahi log unhe bhoolenge nhi sir1
उस दौर में पौराणिक पात्र महिपाल निभाते थे और उनके बाद भारतभूषण ने निभायें जबकी उस दौर में दिलिप कुमार,राजकपूर एवं देवानंद ही छायें रहते थे।
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