चुपचाप दफन..चौतरफा गूँज
शनिवार, 19 अगस्त 2017
इसी हफ्ते जब पूरा देश गौभक्त कृष्ण की जन्माष्टमी के धार्मिक उल्लास में डूबा हुआ था तब दुर्ग जिले की शगुन गौशाला में दर्जनों गौमाताएँ भूख-प्यास से तड़प कर बेमौत मर रही थीं। छत्तीसगढ़
के दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक की एक गोशाला में यकायक दो सौ से ज्यादा गायों की कारूणिक
मौत...राजपुर गांव के गौशाला संचालक ने मरी हुई गायों को चुपचाप दफना दिया जिसकी
चौतरफा गूँज हुई है ...
मामला तब फूटा जब सोशल मीडिया पर मरी हुई गायों की तस्वीरें वायरल हुईं। घटना की जानकारी
गौशाला के संचालकों ने न तो प्रशासन को दी और ना ही पशुपालन विभाग -स्थानीय प्रशासन
को सूचित किया। गांव के सरपंच सेवाराम साहू का कहना है - 200 से ज्यादा गायों की
मौत हुई है। गौशाला में लगभग पांच सौ गाए हैं।
बताया जा रहा कि इस गौशाला में भूख और प्यास के चलते हफ्ते भर के भीतर दो सौ से ज्यादा
गायों की मौत हो गई।
ग्रामीणों
ने यह भी आरोप लगाया कि इस गौशाला में ना तो चारा है और ना ही दाना-पानी और इसी वजह
से गायों की मौत हुई है।
राजपुर-धमधा
की इस गौशाला के बाहर गेट पर कमल का फूल यानि
बीजेपी का चुनाव चिन्ह बना हुआ है। इसे गौशाला
प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और जामुल नगर पालिका के उपाध्यक्ष बीजेपी
नेता हरीश वर्मा चलाते हैं। मुख्य विपक्षी कांगेस ने आरोप लगाया है कि गायों की
मौत भूख के कारण हुई है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य
प्रवक्ता ज्ञानेश शर्मा के मुताबिक धमधा में
करीब 250 गायों की मौत, इससे पहले जुलाई में ही रायगढ़ जिले में स्थित चक्रधर गौशाला
में 15 गायों की मौत और उससे भी पूर्व दुर्गुकोंदल के कर्रामाड़ में स्थित गौशाला में
अगस्त 2016 में करीब 150 गायों की मौत, इन सब मामलों को देखकर साफ जाहिर होता है कि
गौमाता को लेकर भाजपा सरकारों की कथनी और करनी में फर्क है। भाजपा के लिए गौमाता महज
एक मुद्दा है जिसे लेकर वह जनता की भावनाओं से खेलती आई है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह
ने इसी वर्ष 'गौहत्यारों को फांसी पर लटका देंगे' कहते हुए राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां
जरुर बटोर ली थी
लेकिन लेकिन वे तो महज नए सिरे से सभी गौशालाओं के
जांच के आदेश देने में व्यस्त हैं। साफ जाहिर है कि धमधा गौशाला का संचालक चूंकि भाजपा
नेता है, इसलिए उसे बचाने ऐसा आदेश दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक
अमरेश मिश्रा के मुताबिक कि गौसेवा आयोग की
शिकायत पर गायों की मृत्यु के मामले में हरीश वर्मा से पूछताछ की जाएगी।
एसडीएम ने
भी घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि घटना की जांच के बाद ही जानवरों की मौत के कारणों
का पता चल सकेगा। गौशाला संचालक एवं
भाजपा नेता हरीश वर्मा ने मीडिया
वालों से कहा कि 15 तारीख को क्षेत्र में तेज बारिश
के कारण गौशाला की 90 फीट लंबी दीवार गिर गई थी। चोट लगने के कराण ही पिछले तीन दिनों
में 27 गायों की मौत हुई है। वर्मा ने दावा किया कि पिछले एक साल से उन्हें गौशाला
के लिए छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग से कोई भी अनुदान नहीं मिला है।
मामला अब राष्ट्रीय सुर्ख़ियों में उछल गया है लिहाजा बची हुई गायों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के इंतज़ाम
हो रहे हैं। गौशाला के क्रूर संचालक को गिरफ्तार करके आज कोर्ट में पेश किया जा रहा
था तब उसके मुंह कालिख पोत दी गई।गायों की मौत से गुस्साए लोगों ने हरीश को लोगों कालिख पोत दी। पुलिस वाले चुपचाप देखते रहे।
यह शर्मनाक हादसा ऐसे मौके पर हुआ है
जब हाल में सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में हादसों में घायल गायों को अस्पताल पहुंचाने
के लिए दस जिलों में एम्बुलेंस सेवा शुरू की जाएगी और 10 सबसे अच्छी गौशालाओं का चयन
कर उन्हें दस-दस लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
राजपुर गांव
में गौशाला की गाएं आजकल नुमाइश की चीज बन गई है. उनको देखने अफसरों की फ़ौज चली आ रही
है है। हरे चारे के इंतज़ाम हो रहे हैं। डाक्टर
तीमारदारी में लगे हैं
जबकि तीन दिन पहले शगुन
गौशाला के जिस मेन गेट पर ‘कमल’बना हुआ है, दर्जनों गायें मौत के आगोश में जाती रही
हैं। जो जिन्दा बची हैं उनके जिस्म की हड्डियां
उनकी हालत और बेबसी की गवाह हैं, पसलियां साफ दिखाई देती हैं। गांव भर में पिछले हफ्ते
भर में मौत की शिकार हुई कई गायों के अवशेष पड़े हैं। कुछ गौ-शव
खेतों में सड़ रहे हैं और कुछ आवारा कुत्तों की खुराक बन रहे हैं। अब दुर्गन्ध उठ रही है इलाके में और गायों के शवों
को उठाने का कार्य नहीं किया गया है। आवारा
कुत्ते मृत गायों के शव को नोंच रहे हैं। ग्रामीणों
को शंका तब हुई और हल्ला मचा जब जेसीबी से गहरे गड्ढे खोदते और ट्रैक्टर में गायों
के अवशेष ले जाते देखा गया। राजपुर गांव के सरपंच पति शिव राम साहू का कहना है कि आरोपी
कभी किसी को गौशाला में घुसने नहीं देता था। जो गाएं बची हैं, उनके खाने पीने को कुछ
नहीं है।
अब सनसनी फैली तो गौ सेवा आयोग भी जगा जबकि उनको पहले ही इस गौशाला के बारे
में अनियमितता की शिकायतें मिलती रही है। आयोग ने संचालक को नोटिस जारी कर उससे जवाब
तलब भी किया था लेकिन आरोपी हरीश वर्मा चूंकि जमूल नगर पंचायत क्षेत्र में भारतीय जनता
पार्टी के उपाध्यक्ष है लिहाजा उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिर्फ फाइलें नोटिसों
से भरती रही।
गौ सेवा आयोग ने अब पाया कि 'गौशाला में
गायों के चारे आदि की व्यवस्था बहुत ही खराब है। गौशाला में पहले भी गायों की मौत होती
रही है, लेकिन उसे छिपाया जाता था।' लेकिन किसी भी अफसर ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस
भी मूकदर्शक रही। हल्ला मचा तो संचालक को गिरफ्तार किया गया मगर थाने में नहीं रख कर
उसे होटल में रखा गया। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने जारी बयान में कहा कि गौ-रक्षा, गौ-सेवा, गौ-सुरक्षा
का दावा कर रही भाजपा का असली चेहरा उजागर हुआ है। जिस भाजपा नेता ने गौ-माता की सेवा
के नाम पर 93 लाख रूपये डाकरे हों उसके व्यवस्थापन में 250 गायों की भूख से मौत हो
जाना बेहद शर्मनाक घृणित और निंदनीय घटना है। इससे भी ज्यादा निंदनीय रवैया भाजपा सरकार का उस आरोपी को संरक्षण
दिया जाना है। भाजपा नेता हरीश वर्मा गिरफ्तार का
समाचार फैला पंरतु जिस थाने में उसकी गिरफ्तारी बतायी जा रही है, वहां वह नही मिला।
उसे वीआईपी सुविधा प्रदान की जा रही है। उसे होटल में भोजन कराया जा रहा है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के संस्थापक
अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत
जोगी ने सगुन गौशाला मे 250 से अधिक गायों की मृत्यु प्रदेश को
कलंकित करने वाली घटना निरूपित करते हुए कहा कि इस गौहत्याकांड ने भाजपा के दिखावटी गौ प्रेम की बखिया उधेड़
कर रख दी है।
शासकीय अनुदान की राशि गौशाला
के संचालक स्वयं डकार गये और मूक गौमाताओं को भूखा रख कर मार डाला गया जो सुनियोजित
एवं अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है। गोरक्षा का स्वांग रचने वाले भाजपा एवं उनके जनप्रतिनिधियों के
पास इतना भी समय नहीं था कि वह शगुन गौशाला का निरीक्षण कर लेते । पशुपालन विभाग द्वारा
निरीक्षण किया गया होता तो गौशाला के अव्यवस्थित रखरखाव एवं गायों की दयनीय स्थिति
की सही जानकारी मिल सकती थी तथा मृत गायों को बचाया जा सकता था । भाजपा सरकार मे ही दुर्गुकोंदल गांव
स्थित शासकीय गौशाला में बड़ी संख्या में गायों के अचानक भूख से मरने की दर्दनाक घटना
से भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया।
बताया जा रहा है कि हरीश वर्मा पर गौशाला
का प्रबंधन सही तरह से न करने और गायों की देखभाल न करने का लगातार आरोप रहा मगर नेता
होने के नाते वह बचता रहा।
गायों की मौत के आंकड़े अबूझ हैं। पशुचिकित्सक
दो दिन में 27 गायों का पोस्टमार्टम करने की बात मान रहे हैं।
गायों की कथित रूप से भूख से मौत के बाद
गौशाला संचालक हरीश वर्मा के खिलाफ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम की धारा 4 और 6 तथा पशु
क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 एवं भारतीय दण्ड अधिनियम की धारा 409 के तहत अपराध पंजीकृत
किया गया है।
भाजपा नेता हरीश वर्मा पर आरोप लगा है
कि मृत गायों की खाल उतारकर बेच देता था और मांस को मछलियों के चारे के रूप में इस्तेमाल
करता था।
छत्तीसगढ़ छात्र संगठन जोगी के अहिवारा ने एक ज्ञापन
में कहा है कि संचालक गायों की तस्करी करने, गाय की हड्डियों को टेलकम कंपनी (पाउडर)
को बेचने में लिप्त रहा है। ग्रामीणों
का कहना है कि हरीश मृत गायों की खाल उतारकर
मछलियों के चारा के रूप में इस्तेमाल करने बेच देता था। मांस गांव के निकट एक तालाब
के किनारे मृत गायों को फेंक देता था।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के दुर्ग जिले में एक गोशाला में बड़ी संख्या में गायों की मौत के बाद राज्यभर में गोशालाओं की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दुर्ग की घटना को गंभीरता से लिया है और गोशाला के संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच में सभी गोशालाओं को शामिल किया जाएगा, चाहे उन्हें राज्य शासन से अनुदान मिलता हो या नहीं।
1 comments:
गायों की सुरक्षा और गोशालाओं को लेकर उचित प्रबंध होना चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना सामने न आए
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