सहारा दफ्तर में नक्सली
शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2018
बुधवार को सुबह कोई 10: 30 बजे का समय था। सहारा समय रायपुर के दफ्तर में सामान्य दिनों की तरह काम चल रहा था। अचानक एक सावला सा आदमी सिर पर टोपी लगाए हुए दफ्तर में घुस आया और आते ही उसने कहा "मुझे किसी जिम्मेदार व्यक्ति से मिलना है" जब उससे मुलाकात की गई और कमरे ने कुर्सी पर बैठ कर जब उसने अपना परिचय दिया तो सभी एकबारगी सकपका ही गए। उसने कहा मैं एक नक्सली हूं और मैं आप के मार्फत आत्मसमर्पण करना चाहता हूं। शुरू में तो लगा यह कोई सिरफिरा हो सकता है मगर उसका हाव-भाव, खास तरह की आक्रामक तेजतर्रारी देखकर समय के प्रदेश प्रभारी दीपक विश्वकर्मा ने सीधे नोएडा मुख्यालय को सूचना दी। वहां से यह तय हुआ कि इस व्यक्ति का सीधा परिचय " समय" के दर्शकों से कराया जाए और लगे हाथ कानूनी तौर पर पुलिस को इत्तला भी की जाए।
उस व्यक्ति ने सीधे प्रसारण में बताया कि वो महासमुंद दलम का सदस्य है और सहारा को उसने इसलिए चुना क्योंकि मीडिया में उसका इस ग्रुप पर पूरा भरोसा है। पुलिस के पास इसलिए नहीं जाना चाहता क्योंकि उसे भरोसा नहीं है। उसने उम्मीद जताई कि उसे सरेंडर पॉलिसी का लाभ भी मिलेगा।
बाद में इत्तला पा कर छत्तीसगढ़ के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच के एसपी डी रवि शंकर दफ्तर में आए और उन्होंने कैमरे के सामने यह भरोसा दिया कि पहले उसकी तस्दीक की जाएगी और उसके बाद तमाम औपचारिकताएं पूरी करके उसे न्याय दिलाया जाएगा।
नक्सली ने यह बयान दिया कि माओवाद से उसका मोह भंग हो चुका है और वह समाज की मुख्य धारा में आना चाहता है। उसने बताया कि उसके और साथी भी बाद में सरेंडर करेंगे। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है।
गौरतलब है कि बस्तर में नक्सली अब हिंसा से आजिज हैं और लगातार आत्म समर्पण कर रहे हैं। बस्तर में शांति बहाली की दिशा में यह एक शुभ संकेत माना जा रहा है।
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