मौत सामने खड़ी थी

बुधवार, 31 अक्तूबर 2018


दंतेवाड़ा के हमले में नक्सलियों ने बाल नक्सलियों का भी इस्तेमाल किया। इलाके में 200 से ज्यादा नक्सली थे जिन्होंने जवानों और मीडिया टीम को घेर लिया था।

हमले से जिंदा बच आए जवान विष्णु नेताम ने यह बताया है कि नक्सलियों की टीम में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे जिनकी उम्र 10 - 12 साल रही होगी। इन बच्चों की आड़ लेकर नक्सलियों ने एंबुश लगाकर फायरिंग शुरू कर दी थी। इस हमले में एक मीडियाकर्मी सहित चार जवान शहीद हो चुके हैं। घायल का इलाज रामकृष्ण केयर अस्पताल में जारी है। विष्णु नेताम के बयान के मुताबिक 30 अक्टूबर को सुबह 9:00 बजे हम निकले थे। दूरदर्शन की टीम हमें रास्ते में मिली और फिर वह भी हमारे साथ हो गए मगर रास्ते में नक्सलियों ने चारों ओर से अचानक घेर लिया। 
 "हैंड ग्रेनेड दागे गए एके-47 से गोलियों की बौछार की गई और उसके बाद हम लोग गड्ढे में कूद गए। विष्णु ने बताया मैं दूसरे नंबर पर था। मेरे आगे रुद्र प्रताप सिंह थे जो सब इंस्पेक्टर थे जिन्हें बचने का भी मौका नहीं मिला और उनकी मौत हो गई।"

हमले का वीडियो बना लिया 

दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में ज़िंदा बच गए दूरदर्शन के सहायक कैमरामैन मोर मुकुट शर्मा ने हमले का पूरा वीडियो बना लिया और अब वे मौत के मुंह से बच निकलने के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं।
 उनका वीडियो बताता है कि सनसनाती गोलियों की आवाज के बीच के भयानक हालात क्या रहे थे। खौफ का आलम क्या रहा होगा। लाइटमैन ने हमले के दौरान अपना और मौजूद पुलिसकर्मियों का वीडियो बनाया है। वीडियो में अपनी मां को याद कर रहा है और पानी मांग रहा है लेकिन जवानों के पास पानी नहीं था मगर वे बराबर उसे दिलासा देते रहे कि फोर्स आ चुकी हैं। वीडियो में कहा गया कि मम्मी मैं तुझे बहुत प्यार करता हूं। हो सकता है इस हमले में मैं मारा जाऊं। परिस्थिति सही नहीं है। पता नहीं क्यों? मौत को सामने देखते हुए डर नहीं लग रहा है। बचना मुश्किल है यहां पर। 
कुल1 मिनट 27 सेकेंड के अपने संदेश में कैमरामैन मोर मुकुट ने रिकार्ड किया। चुनाव कवरेज के लिए जाते समय अचानक नक्सलियों ने उन्हें घेर लिया। परिस्थिति सही नहीं है और पता नहीं मैं कब मारा जाऊं। मम्मी मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं। मौत सामने घूम रही है और पता नहीं कि मैं लौटूंगा या नहीं।

गौरतलब है दंतेवाड़ा नीलवाय जा रही दूरदर्शन की टीम पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था। पता चला है कि हमले के दौरान कैमरामैन आगे-आगे चल रहा था जबकि रिपोर्टर और लाइटमैन पीछे थे। गोलीबारी शुरू होते ही दोनों एक गड्ढ़े में गिर गये और पूरी गोलीबारी तक वहीं छुपे रहे जिससे उनकी जानें बच गई। पुलिस कर्मी उनको कवर करके फायरिंग करते रहे।

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